बाराबंकी। जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर संचालित फर्जी संस्थानाे की बढ़ती तादात के खिलाफ विभाग द्वारा बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू होने वाली है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आधिकारिक डाटा के आधार पर नियमों को ताख पर रख कर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वालों पर शिकंजा कसने की योजनाबद्ध तैयारी शुरू कर दी है।
जिले में प्रत्येक निजी स्वास्थ्य संस्थान को सरकारी नियमों के आधार पर पंजीकरण कराना आवश्यक है। पंजीकरण हो सके इसके लिए मानक निर्धारित है। लेकिन जिले में ऐसे अनेक स्वास्थ्य संस्थान है जो महकमे की आंख में धूल झोकने का काम अंजाम दे रहे है। जो बताता है कि ऐसा किसी संरक्षण के बिना संभव नहीं है। सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं देने वालों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा है। 50 बेड से नीचे या ऊपर वाले अस्पताल ऑनलाइन पोर्टल पर अपना निशुल्क पंजीकरण करा सकते है। पंजीकरण के लिए बायो मेडिकल, फायर व अन्य मानक पूरे करने होते है। वर्तमान समय की बात करें तो इस समय जिले में नियमों के आधार पर पंजीकृत 276 निजी अस्पताल, 77 पैथालोजी और 43 क्लिनिक ही है। चिकित्सा सम्बंधित कुल 396 इकाई जनपद में संचालित है। मरीज और उनके तिमारदाराे की जेबे ढीली करने वाले अवैधानिक रूप से कार्यरत संस्थानों पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने की तैयारी में दिख रहा है। झोलाछाप चिकित्सक हो या फार्मा क्लिनिक के नाम पर चल रहे फर्जी संस्थान, क्योंकि सरकारी स्वास्थ्य महकमे में फार्मा क्लिनिक जैसा कोई मेडिकल संस्थान नहीं होता है, ना ही इसका कोई अस्तित्व है।
इनका कहना है
कोई भी डॉक्टर सिर्फ एक जगह अपनी सेवाएं दे सकता है। एक डॉक्टर के नाम का प्रयोग कई संस्थानों द्वारा किए जाने पर विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा। फार्मासिस्ट दवा बेचने के साथ अपना क्लिनिक संचालित नहीं कर सकते है। पंजीकरण के समय दर्शायी गई सुविधाओं के अतिरिक्त उपचार करते हुए पकड़े जाने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। बताया कि फार्मा क्लिनिक नाम से कोई रजिस्ट्रेशन या उपचार केंद्र नहीं होता ये पूरी तरह भ्रामक और काल्पनिक है।
डॉ. लव भूषण गुप्ता डिप्टी सीएमओ – प्रशासन, बाराबंकी।