गुरुग्रंथ साहिब का उल्लास पूर्वक मनाया गया प्रथम प्रकाश पर्व
सिक्ख धर्म के दसवें और और अंतिम गुरु थे गुरु गोविन्द सिंह
कथनी_करनी न्यूज़
बाराबंकी। धन धन श्री गुरुग्रन्थ साहिब का प्रथम प्रकाश पर्व गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा लाजपतनगर में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। सवेरा होते ही गुरूद्वारे में हर्षोल्लास का माहौल था। सभी एक दूसरे को बधाई दे रहे थे। यह दिन सिख इतिहास का बहुत ही पवित्र और ऐतिहासिक दिन माना जाता है। सिक्ख धर्म के दसवें गुरु गुरुगोबिन्द सिंह ने नांदेड़ महाराष्ट्र में यह आदेश दिया था कि उनके बाद कोई और मानव गुरु नहीं होगा। उन्होंने पवित्र ग्रंथ जिसमें गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु अर्जुन देव तक की वाणी और संतो की वाणी संग्रहित थी। सिक्खों के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर की वाणी जोड़कर उसे सम्पूर्ण रूप दिया। इसी को गुरुग्रन्थ साहिब कहा गया है। इस दिन को गुरुग्रन्थ साहिब के प्रथम प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। गुरुद्वारा लाजपतनगर में एक सप्ताह पहले श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सहज पाठ आरम्भ हुआ। दीवान सजा जिसमें हुजूरी रागी भाई तीरथ सिंह के जत्थे द्वारा कीर्तन भजन किया गया। विशेष दीवान पर लखनऊ से गुरुद्वारा पहुंचे तेजिंदर सिंह हजूरी रागी जत्थे द्वारा कीर्तन भजन किया। सभी आय संगत ने कीर्तन का आनंद लिया। आनंद साहिब का पाठ के साथ समापन के बाद गुरु का अटूट लंगर आयोजित हुआ। लंगर को सभी धर्मों के लोगों ने एक पंगत में एक साथ बैठ कर चखा। जिसमें मुख्य रूप से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार भूपेंद्र सिंह, सरदार चरनजीत सिंह, सरदार रवीन्द्रपाल सिंह, सरदार हरपाल सिंह, सरदार परमजीत सिंह, सरदार सतनाम सिंह खालसा, सरदार रविंदर सिंह, सरदार राजदीप सिंह, सरदार जसबीर सिंह, सुमित्रा कौर, कवलजीत कौर, रंजीत कौर, परमजीत कौर, अमरजीत कौर, सुरजीत कौर, नरेन्द्र कौर, इंदरजीत कौर, सरदार हरप्रीत सिंह, सरदार मनमीत सिंह सोनू, मलकीत सिंह, तनमीत सिंह, सरदार बलबीर सिंह, सरदार प्रीत सिंह, सरदार अमरजीत सिंह राजे, सरदार हरविंदर सिंह, सरदार तनप्रीत सिंह रौनक मौजूद रहे।