कामयाबी बुलन्दियों पर मिलती हैं और बुलन्नदियां अली के कदमों में- मौ.मो.रज़ा ज़ैदपुरी
मोहम्मद व आले मोहम्मद के अलावा किसी के पास हुकूमत है तो गज़बी है – अहमद रज़ा
हक़ पर चलने वाला खुदा के अलावा कभी किसी से नहीं डरता
बाराबंकी। कामयाबी बुलन्दियों पर मिलती हैं और बुलन्नदियां अली के कदमों में, कामयाबी चाहिए तो अली के कदमों में आ जाओ। अली की दुश्मनी इंसान को नेकी से दूर और जहन्नम के करीब कर देती है। अली का रास्ता सिराते मुस्तक़ीम है, अली का शीया कभी गुमरही का शिकार नहीं हो सकता। पैगम्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स.अ.व.का फरमान है ऐ अली अब तुम और तुम्हारे शीया कामयाब हो गये। कामयाबी चाहिए तो अली अ. के शीया बन जाओ। यह बात करबला सिविल लाइन के निकट अली कालोनी स्थित डा. रज़ा मौरान्वी के अज़ाख़ाने में मजलिस को सम्बोधित करते हुए मौलाना मोहम्मद रज़ा ज़ैदपुरी ने कही। आखिर में करबला वालों के मसायब पेश किए जिसे सुनकर सभी रोने लगे। मजलिस से पहले अजमल किन्तूरी, आरिज जरगांवी, हाजी सरवर अली करबलाई, फ़रहान के अलावा वहदत और जौशन सल्लमहू ने भी नज़रानये अक़ीदत पेश किया। आरम्भ तिलावते कलामे इलाही से मौलाना हिलाल ने किया। जिनान जफराबादी ने नौहाख्वानी की अन्जुमन ने सीनाजनी की। बानिये मजलिस ने सभी का शुक्रिया किया। वहीं गुलाम साहब के अज़ाख़ाने में मजलिस को सम्बोधित करते हुए जाकिरे अहलेबैत अहमद रज़ा ने कहा मोहम्मद व आले मोहम्मद के अलावा किसी के पास हुकूमत है तो समझलो गज़बी है। क्योंकि मुल्क का मालिक अल्लाह है वो जिसे चाहे मुल्क दे ,इज्ज़त दे या ज़िल्लत। हक़ पर चलने वाला कभी किसी से नहीं डरता। अली का चाहने वाला मजलूम की हिमायत चाहे वो किसी भी क़ौम व क़बीले का हो और जालिम से नफ़रत करता है। आखिर में मसायब पेश किए जिसे सुनकर सभी रोने लगे।आरम्भ मौलाना हिलाल ने किया।