बाराबंकी। शहर की प्राचीन रामलीला में शबरी उद्धार, श्री राम हनुमान मिलन का सजीव मंचन किया गया। लीला के प्रारंभ में ऋषि दुर्वासा के श्राप के कारण कबंध राक्षस बन गया जिसका श्री राम उद्धार करते है, तत्पश्चात शबरी के आश्रम पहुँच प्रभु राम ने शबरी की भक्ति स्वीकार करके नव प्रकार के भक्ति के मार्ग बताकर नवंधा भक्ति का सुंदर उपदेश देकर सीता जी का पता पूछने के लिए भेजा।
इस दौरान शबरी के बतलाए गए मार्ग का अनुसरण करते हुए प्रभु ऋष्यमूक पर्वत पंहुचने से पहले विप्ररूप में हनुमान से मिलते है, जिसके बाद हनुमान जी एवं राम का मिलन होता है, जीवात्मा सुग्रीव से परमात्मा राम की मित्रता हनुमान जी करवाते है,सफल मंचन देखने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी रही। हनुमान के रूप में लीला व्यास प्रमोद पाठक के पुत्र शिवांग पाठक एवं सुग्रीव के रूप में अनुज ने भूमिका निभाई,लीला व्यास की मधुर वाणी में चौपाइयों के अनुसार लीला संपन्न कराई गई।
इस दौरान अनिल अग्रवाल, रामलखन, शिवकुमार, अभिनव वर्मा, आर्यन, रमेश कुरील, अमर सिंह, आकाश, शैलेन्द्र सिंह, सौरभ गुप्ता, प्रशांत सिंह, करन, सुधीर जैन आदि लोग मौजूद रहे।