मैकूलाल ने सुमित, अमित पर गंभीर आरोप लगाकर दर्ज कराया था मुकदमा। जिसमें गाली-गलौज, SC/ST एक्ट में केस हुआ था दर्ज। क्षेत्राधिकारी मीनाक्षी के द्वारा की गई थी जांच।
जांच में सामने आया झूठा था मुकदमा।
मैकूलाल निकला मिस्त्री, घर बनाता है।
कालरा बंधुओं ने उससे घर बनवाया था। ₹ 1.77 लाख रुपये मजदूरी नहीं दी गई थी। इसी बात से कुंठित होकर उसने पैसे के लिए झूठा केस दर्ज कराया था। जबकि घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं था मैकूलाल। स्थानीय लोगों ने भी झूठ की पोल खोली।
कोर्ट ने झूठी रिपोर्ट पर सख्ती दिखाते हुए मैकूलाल को 6 महीने की कैद की सज़ा देकर कानून का मजाक बनाने वालों के लिए मिसाल पेश की है। हर कोई इस फैसले को इंसाफ की नजर से देख रहा है।