मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव न लड़ने वाले पंजीकृत राजनैतिक दलों की सुनवाई की
सुनवाई में 51 पंजीकृत राजनैतिक दलों में से 17 राजनैतिक दल उपस्थित रहे
उ0प्र0 राज्य के पते पर पंजीकृत 121 राजनैतिक दलों को विगत छह वर्षों से चुनाव में प्रतिभाग न करने के कारण जारी हुआ था कारण बताओ नोटिस
पंजीकृत राजनैतिक दल अपना ईमेल, मोबाइल नंबर तथा वर्तमान पता अपडेट रखने की सलाह
कथनी_करनी न्यूज़
बाराबंकी। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने प्रदेश के पते पर पंजीकृत ऐसे राजनैतिक दल जो विगत छह वर्षों से प्रत्यक्ष रूप से लोकसभा एवं विधानसभा के चुनाव में प्रतिभाग नहीं कर रहें थे, उनके प्रतिनिधियों के साथ बुधवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में सुनवाई की। उन्होंने प्रत्येक दल द्वारा प्रस्तुत किए गए अंशदान रिपोर्ट,वार्षिक लेखा परीक्षण (ऑडिट) रिपोर्ट एवं निर्वाचन व्यय विवरण जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों का गहन परीक्षण किया और सभी दलों के मोबाइल नंबर,पंजीकरण संख्या,वर्तमान पता व ईमेल की भी जांच की।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा ऐसे दलों के प्रतिनिधियों को अपना प्रत्यावेदन, शपथपत्र एवं अन्य आवश्यक अभिलेखों के साथ सुनवाई के दौरान कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे। उन्होने सुनवाई के लिए प्रदेश के पते पर पंजीकृत 121 राजनैतिक दलों को कारण बताओं नोटिस जारी किया था, इसमें से बुधवार को 51 राजनैतिक दलों को सुनवाई के लिए बुलाया गया था। जिसमें से 17 पंजीकृत राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने सुनवाई में प्रतिभाग किया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा मंगलवार और बुधवार को की गयी सुनवाई में 121 राजनैतिक दलों में से 55 राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया और मुख्य निर्वाचन अधिकारी के सम्मुख उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत किया।
सुनवाई के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि प्रत्येक दल को प्रतिवर्ष 30 सितम्बर तक अपनी अंशदान रिपोर्ट तथा 31 अक्टूबर तक अपने आय-व्यय की आडिट रिपोर्ट देना अनिवार्य है। इसी प्रकार लोकसभा चुनाव के बाद 90 दिनों में तथा विधानसभा चुनाव के बाद 75 दिनों में अपने आय व्यय का ब्योरा भी देना है। प्रत्येक दल को चंदे के रूप में प्राप्त 20 हजार रुपए से अधिक के अंशदान की रिपोर्ट देनी है। उन्होंने कहा कि सभी दलों के प्रतिनिधियों को अपनी पार्टी का ईमेल, मोबाइल नंबर तथा वर्तमान पता को अपडेट रखना होगा, जिससे कि आयोग के निर्देशों व अन्य तथ्यों की जानकारी को समय से उपलब्ध कराया जा सके।