कला, संगीत का अद्भुत संगम, झलकी अवधी संस्कृति की चमक

देवा मेला में कला, संगीत और सौहार्द का अद्भुत संगम, झलकी अवधी संस्कृति की चमक

धीरेन्द्र पाण्डेय की नृत्य प्रस्तुति और सत्यांशु पटेल के गीतों ने बांधा समां

कथनी_करनी न्यूज़
बाराबंकी। ऐतिहासिक देवा मेला 2025 का सांस्कृतिक मंच शुक्रवार की शाम कला और संगीत के रंगों से सराबोर हो उठा। एक ओर जहां धीरेन्द्र पाण्डेय एवं उनकी टीम ने अपने कत्थक और लोकनृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया, वहीं दूसरी ओर अवधी लोकगीत गायक सत्यांशु पटेल के सुरों ने वातावरण को भावनाओं और ऊर्जा से भर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई। जिसके बाद धीरेन्द्र पाण्डेय व टीम ने “छाप तिलक सब छीनी”, “श्रीराम स्तुति”, “मेरा मन गंगा”, “नाचे गिरधारी” और “शिव वंदना” जैसे गीतों पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी। टीम के कलाकार अंजलि, प्रिया, अवंतिका, अभय और अन्य सदस्यों ने अपने नृत्य कौशल से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों को सम्मानित किया गया।

इसके बाद मंच पर पहुंचे प्रसिद्ध अवधी गायक सत्यांशु पटेल, जिनके गीतों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने “यूपी में बाटे अयोध्या जिला नमवा के न जानेला”, “हमरे राम जी धमवा के न जानेला”, “अल्लाह कहो या राम भगवान एक हैं, प्याले अलग-अलग हैं, जाम एक हैं”, “अयोध्या में बाजे बधइया हो” जैसे गीतों से एकता, प्रेम और आध्यात्मिकता का संदेश दिया। उनके गायन ने देवा मेला के पवित्र वातावरण को एक नई ऊँचाई दी।

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