क्यों फुस्स हो रहा है नपा अतिक्रमण हटाओ अभियान..?

विभागों में तालमेल की कमी से त्रस्त हो रहा आमजन

गली से सड़को तक अतिक्रमण प्रतिष्ठानों ने सड़क को बनाया शोरूम

कथनी_करनी न्यूज़
बाराबंकी। जनपद में अनेक विभाग एक दूसरे के पूरक है। अक्सर देखा जता है कि आमजन को सरकारी योजनाओं का लाभ हो या किसी दस्तावेज को पूरा कराने के लिए कई विभागों के चक्कर लगाने पड़ते है। वही मार्ग या नाला-नाली के निर्माण के दौरान सड़को के नीचे पड़ी अंडर लाइन के क्षतिग्रस्त होने पर विभाग जब बचते नजर आते है, इसी दशा में आमजन को अनेक समस्याओ का सामना करना पड़ता है।

आम नागरिक के जीवन में सरकारी विभागों से सम्बंधित अनेक कार्यों का सीधा जीवन पर असर पड़ता है। लेकिन कार्य ऐसे है जो कई विभाग से सम्बन्ध रखते है। अक्सर ऐसा देखा गया है कि अनेक विभागो से सम्बंधित कार्य उन विभागों में आपसी तालमेल की कमी के चलते नागरिकों के जीवन को प्रभावित करते है। ऐसे कई उदाहरण हमारे जीवन में कटु अनुभव लेकर आते है जिसकी वजह विभागों में आपसी सामंजस्य में कमी होना है। जिसकी वजह से सरकार की तमाम योजनाएं और कार्यवाही तक प्रभावित होती रही है।
उदाहरण के तौर पर वर्तमान में नगर पालिका परिषद नवाबगंज द्वारा बीते चार दिनों पूर्व शुरू हुआ अतिक्रमण हटाओ अभियान जो आगामी 30 सितंबर तक चलना है। नगर पालिका परिषद द्वारा जिलाधिकारी के आदेश पर चलाया जा रहा अतिक्रमण हटाओ अभियान फुस्स नजर आ रहा है। जिसका कारण है कि विभागों के आपसी तालमेल में कमी या दूसरे विभाग को महत्त्व नहीं दिया जाना।

नगर पालिका परिषद द्वारा शहर के मुख्य मार्गो में छाया,  बेगमगंज से सट्टी बाजार, धनोखर, घंटाघर, नगर कोतवाली से सतरिख नाका, पैसार, बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन और नबीगंज के क्षेत्रो में मुख्य बाजार है। इन बाजारों में सबसे अधिक अतिक्रमण वाले स्थानाे पर आमजन को आवागमन में काफी दिक्क़तो का सामना करना पड़ता है। शहर में अतिक्रमण और वाहनों की बढ़ती संख्या से पार्किंग की समस्या संख्या 100 वर्ष पूर्व बनी शहर की सड़को और चौराहो के लिए चुनौती बन चुकी है। जहाँ 80 फुट चौड़ा मार्ग भी सिमट कर 40 फुट भी नहीं नजर नहीं आता है। दुकानदार आपसी होड़ के चलते एक दूसरे की दुकानों को छिपाने के लिए अपनी दुकान सड़क तक सजाऐं नजर आते है, मानो सड़क उनका शोरूम हो।

कही फुटपाथ, नाली और रास्तो को तोड़कर दुकान/मकान की सरहद को बढ़ाने का काम हो या इनके ऊपर निर्माण कार्य। अतिक्रमण करने वाले अभियान समाप्त होते ही पुनः अपने ढर्रे पर वापस लौट आते है।

विभागों में तालमेल की कमी से परेशानी

विभागों के आपसी तालमेल में कमी होने की सजा आमजन को भुगतनी पड़ती है। अगर किसी नगर पालिका क्षेत्र के निवासी को तहसील स्तर पर अपना कोई संपत्ति से जुड़ा अभिलेख हासिल करना है, तब कुछ कागजात उसे नपा से हासिल करने होते है। नगर पालिका में अगर उन दिनों सुनवाई या अन्य कार्य किए जा रहे हो तो तत्काल कागज मिलना मुश्किल है। ऐसी दशा में तहसील से उस कागजात को तत्काल बिना किसी सुनवाई के निरस्त कर दिया जाता है। और फिर आवेदक एक विभाग से दूसरे विभाग के बीच फंसा नजर आता है।

अतिक्रमण हटाओ में अभियान में राजस्व और पुलिस नदारद

वर्तमान में चल रहा नगर पालिका परिषद का अतिक्रमण हटाओ अभियान फिर विभागों के आपसी तालमेल के कारण फुस्स होता दिखने लगा है। अतिक्रमण हटवाने के बाद नपा टीम के आँखों से ओझल होते ही कब्जा फिर बरकरार हो जाता है। वर्तमान में चल रहे अभियान में पुलिस और राजस्व प्रशासन नदारद दिखता नजर आ रहा है। इसी कारण से “अतिक्रमण हटाओ अभियान” फिसड्डी साबित होना निश्चित है।

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