रामलीला में स्वरूप प्रतिष्ठा संपन्न, आज श्री राम का वन गमन
कथनी_करनी न्यूज़ बाराबंकी। नगर की ऐतिहासिक रामीलाला की तैयारियों के बीच श्री राम लीला सेवा समिति के दशहरा मंदिर में अयोध्या से पंहुचे स्वरूपों की स्वरूप प्रतिष्ठा का कार्यक्रम मंगल वैदिक मंत्रोचारो के साथ संपन्न हुआ। मुख्य श्रृंगारी पंडित संजय तिवारी “ने बताया कि प्रभु राम, लक्ष्मण एवम जानकी के स्वरूप विगत कई वर्षों से पंडित सुखनंदन मिश्रा द्वारा लाए जाते रहे है। किंतु बीमारी के चलते उनके निधनोपरांत यह जिम्मेदारी अब उन्हें दी गई है। इस वर्ष प्रभु श्री राम के रूप में वैभव मिश्रा, लक्ष्मण के रूप में प्रिंस त्रिवेदी एवम जानकी का स्वरूप सोनू मिश्रा धारण करेंगे।
दशहरा मंदिर में तीनों स्वरूपो की विधिवत पूजा अर्चन के साथ विशेष वैदिक क्रिया के अनुक्रम में प्रतिष्ठित किया गया। इस दौरान व्यास प० प्रमोद पाठक ने विविध मंत्रोचार के साथ आरती पूजन संपन्न कराई। इस दौरान महिला भक्तो ने मंगल गीत गाए, भक्तिमय वातावरण में स्वरूप प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ। दशहरा मंदिर के पुजारी उमाकांत पांडेय ने अंगन्यास कर विधि विधान से पूजन संपन्न कराया।
मुख्य यजमान अंकित गुप्ता “गोलू” ने जानकारी देते हुए बताया कि इन स्वरूपों की शुद्धि उपरांत वैदिक रीतियों से अंगान्यास विधि द्वारा प्रतिष्ठा कराई जाती है, यह स्वरूप फलाहार ग्रहण करते है इस दौरान इन्हे कई नियमो का पालन भी करना पड़ता है। पं० प्रमोद पाठक ने बताया कि पितृ विसर्जन पश्चात निशाकाले स्वरूप प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न कराया जाता है। इस दौरान शिव कुमार वर्मा, रमेश कुरील, उमाकांत पांडेय, राजेश गुप्ता कृष्णा, अमर सिंह, राजीव पाठक, आर्यन तिवारी के साथ साथ समस्त कार्यकारिणी के सदस्य मौजूद रहे।
पितृ वचन निभाने, वन जाएंगे राम
महामंत्री शिव कुमार वर्मा ने बताया कि स्वरूप प्रतिष्ठा के उपरांत लीला की शुरुवात हो गई है, नागेश्वर नाथ मंदिर से राम वन गमन के मंचन के साथ लीला शुरुवात हो जाएगी, राम वन गमन की लीला जनपद के नागेश्वर नाथ मंदिर शुरू होती है, इस लीला में प्रभु श्री राम के उस समय को प्रदर्शित किया जाता है जिसमे वह अपने राजमहल को छोड़कर अपनी भार्या एवं भाई के साथ पीतांबर वस्त्र, धारण कर साधारण मनुष्य की भांति वन प्रवास की यात्रा पर गमन करते है, इस दौरान अयोध्यावासी व्याकुल हो उठते है।