समाजवादी पार्टी ने मुस्लिम धर्मगुरुओ को शामिल किया

मुसलमानो को 18 प्रतिशत आरक्षण का झूठा ऐलान : वसीम

बाराबंकी। मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण का झूँठा ऐलान करने की साज़िश में समाजवादी पार्टी ने मुस्लिम धर्मगुरुओं को भी शामिल कर लिया। और हुआ वही जिसका अंदाजा पहले से था वोट लेकर सत्ता में आने के बाद सपा वादा भूल गई। हैरत तो यह कि सपा के सुर में सुर मिलाने वाले मौलाना भी सपा से दूर नही हुए बल्कि उनका साथ पहले की तरह मजबूत है। अब यह बताने की जरुरत नही कि झूठ किसने बोला और शिकार कौन हुआ।
यह बात आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने अपने बयान में कही है। उन्होंने अपनी बात तफसील से रखते हुए कहा कि वर्ष 2012 के चुनाव से पहले जारी विधानसभा के सपा के घोषणापत्र में मुसलमानो को 18 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया गया। सपा के इस ऐलान में मुसलमानों के धर्मगुरु फिरंगी महली व जमीयत उलेमा ए हिंद के सदर मौलाना मदनी, बुखारी आदि भी शामिल रहे और मुसलमानों से समाजवादी पार्टी के पक्ष में वोट करने की अपील की। सपा के झूठ की कलई आखिर खुल ही गई और पता चल गया कि यह घोषणा केवल सत्ता में लौटने के लिए एक हथियार भर ही था क्योंकि सरकार में आने के बाद सपा मुखिया ने इस पर बात करना भी गंवारा नही किया। उन्होंने कहा कि सपा ने तो मुसलमानों के साथ धोखा किया ही उनसे बड़ा फरेब मौलाना व धर्मगुरुओं ने किया। सपा द्वारा 18 फीसदी आरक्षण का वादा पूरा न किये जाने पर किसी ने उनके इस कृत्य का विरोध नही किया। चाहे फिरंगी महली हो, बुखारी हो या अरशद मदनी सपा के इस धोखे का इन लोगों ने न विरोध किया और न ही सपा का साथ ही छोड़ा क्योंकि अगर ये वाकई तब पाक साफ रहे होते और उसके हिमायती न होते तो सपा से धोखा खाने के बाद, अब तक चाहे एक साथ या अलग-2 कई बार प्रेस कांफ्रेंस करके ऐलान या अपील कर चुके होते कि घोषणापत्र में वादा करके आरक्षण ना देने वाली धोखेबाज समाजवादी पार्टी को, मुसलमान वोट बिलकुल ना दें और हर चुनाव में सपा का खुलकर विरोध करें, जिससे कि आगे भविष्य में कोई भी सियासी पार्टी या सियासी नेता मुसलमानों से झूठे वादे करने वा धोखा देने की हिम्मत दुबारा ना कर पाता। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि इससे जाहिर है कि जितना मुसलमान सियासी दलों की साजिश का शिकार हुए उससे अधिक वह मुस्लिम धर्मगुरु व अगुवाई करने वालो के निशाने पर रह। बार बार किसी की कठपुतली बनने से बेहतर है कि मुसलमान उसके साथ कदम से कदम मिलाए जो भागीदारी व हिस्सेदारी की बात करे और न सिर्फ कहे बल्कि करके दिखा दे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top