तकनीकी शिक्षण संस्थानों पर डीएम का निरीक्षण

तकनीकी संस्थानों का जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण

गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण, स्वच्छ वातावरण और आधुनिक संसाधन हों सुनिश्चित : डीएम

बाराबंकी। मंगलवार को जहांगीराबाद स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) और राजकीय पॉलिटेक्निक का निरीक्षण कर शिक्षण व्यवस्था, परिसर की अवस्थापना, प्रशिक्षण की गुणवत्ता तथा छात्रों को उपलब्ध सुविधाओं का जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने गहनता से अवलोकन किया।
निरीक्षण की शुरुआत जिलाधिकारी ने राजकीय आईटीआई परिसर से की, जहां उन्होंने विभिन्न ट्रेडों की प्रयोगशालाओं एवं कार्यशालाओं का भ्रमण करते हुए वहां उपलब्ध सुविधाओं की स्थिति का जायजा लिया। संस्थान के प्रधानाचार्य द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में जनपद की कुल 05 आईटीआई संस्थानों में से बनीकोडर एवं सिरौली गौसपुर आईटीआई का संचालन जहांगीराबाद परिसर में किया जा रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी संस्थानों का संचालन व्यवस्थित ढंग से हो और छात्रों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने टाटा समूह के सहयोग से आईटीआई परिसर में स्थापित टाटा कौशलम केंद्र का भी अवलोकन किया। उन्होंने यहां विभिन्न ट्रेडों हेतु लगाई गई आधुनिक मशीनों का परीक्षण किया और उनकी क्रियाविधि की तकनीकी जानकारी विस्तार से प्राप्त की। इस केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों से संवाद करते हुए जिलाधिकारी ने उनके अनुभव, प्रशिक्षण की उपयोगिता तथा भविष्य की योजना के विषय में जानकारी ली।
छात्रों द्वारा प्रशिक्षण के दौरान रेजिन व साफ्टवेयर की सहायता से बनाई गई मूर्तियों और लेजर तकनीक से जिलाधिकारी का स्केच तैयार कर उन्हें भेंट स्वरूप प्रदान किया गया। इस रचनात्मक प्रस्तुति की जिलाधिकारी ने सराहना करते हुए कहा कि तकनीकी शिक्षा तभी सार्थक है, जब वह छात्रों में नवाचार, रचनात्मकता और उद्यमशीलता को विकसित करे।

अगले चरण में जिलाधिकारी ने राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान का निरीक्षण किया। परिसर में साफ-सफाई की स्थिति एवं सीसीटीवी और वाई-फाई के तारों की बेतरतीबी पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने प्रधानाचार्य को निर्देशित किया कि परिसर की सभी व्यवस्थाओं को छात्रहित में तत्काल सुचारू रूप से व्यवस्थित किया जाए। उन्होंने विशेष रूप से निर्देश दिया कि विद्युत तारों और अन्य नेटवर्क केबलों को सुरक्षा मानकों के अनुरूप व्यवस्थित किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना या असुविधा की स्थिति न उत्पन्न हो। परिसर में प्रकाश व्यवस्था को अधिक व्यवस्थित करते हुए के यहां उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं का समुचित उपयोग करने के निर्देश दिए गए। निरीक्षण के दौरान संबंधित संस्थानों के प्रधानाचार्य, प्रशिक्षकगण तथा अन्य अधिकारी व छात्र उपस्थित रहे।

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