सर्पदंश की घटनाओ कैसे हो रोकथाम

सर्पदंश की घटनाओं पर क्या करें..? एडवाइजरी

सर्पदंश के कारण होने वाली घटनाओं को न्यूनीकृत किये जाने के क्रम में सर्पदंश की घटनाओं को न्यूनीकृत करने के दृष्टिगत राहत एवं बचाव के सम्बन्ध में क्या करें.? और क्या न करें.? के सम्बंध में एडवाइजरी के सम्बन्धित जानकारी है कि भारत में लगभग 275 से अधिक सांपों की प्रजातियॉ हैं। साँपो की प्रजातियां देश के अलग-अलग क्षेत्रो भिन्न हो सकती है। जिनमें से केवल कुछ ही जहरीले होते हैं। भारत में ‘‘बिग फोर’’ जहरीले सांपों को सबसे खतरनाक माना गया है। वही करैत सर्प के सम्बन्ध में बताया है कि रंग चमकदार, काला या नीला, सफेद पतली धारियॉ होती हैं। इसके काटने पर बहुत हल्का दर्द या बिल्कुल दर्द नहीं होता है लेकिन जहर बहुत तेजी से असर करता है। लक्षणाे में मांसपेशियों में लकवा, सांस लेने में दिक्कत होती है। कोबरा सांप का रंग काला, भूरा या पीला होता है, फन फैलाने पर पीछे ‘ओम’ या ‘चश्मा’ जैसा निशान होता है ये निशान आस्था के प्रतीक माने जाते है। इसके काटने से तेज दर्द, सूजन, उल्टी, सांस रूकना, मांसपेशियों में कमजोरी होती है। यह दिन और रात दोनो में सक्रिय होता है। सर्प रसेल वाइपर का रंग पीले-भूरे रंग पर गहरे गोल निशान होता है, इसके काटने से तेज दर्द,सूजन, रक्तस्राव,उल्टी,गुर्दे फेल हो सकते है। यह खासकर दिन में खेतो में सक्रिय होता है। सॉ-स्केल्ड वाइपर का रंग भूरा या ग्रे, जिगजैग पैटर्न का होता है,इसके काटने से बहुत दर्द, सूजन, खून जमने की समस्या, आंतरिक रक्तस्राव होता है। इसका सक्रिय समय रात में है। सांप काटने के लक्षण के सम्बन्ध में दो छेद जैसे निशान,सूजन व दर्द, उल्टी, चक्कर, बेहोशी, सांस लेने में कठिनाई, खून जमने में दिक्कत (ब्लीडिंग) व लकवा या शरीर का सुन्न हो जाता है।

सर्पदंश से बचाव

रात में खुले में न सोएं, चारपाई का प्रयोग करें। घर के आस पास झाड़ियों और घास की सफाई रखे, खेत या जंगल में जूते और फुल पैन्ट पहनें। रात में टॉर्च/लालटेन लेकर चले। विशेषकर बारिश में दरवाजे और खिड़कियॉ बंद रखें। चूहों की सफाई करें क्योंकि सांप चूहों को खाने आते है।

उपचार करने का तरीका

सांप काटने पर प्राथमिक उपचार के सम्बन्ध में जाने कि व्यक्ति को शांत रखें ताकि जहर तेजी से न फैले। काटे गये अंग को हिलने न दें स्थिर रखें।

हेल्पलाइन नम्बर

-एम्बुलेन्स-108/102, आपातकालीन सहायता-112, अन्य आवश्यक सहायता हेतु 1077, स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्र/पीएचसी/सीएचसी से सम्पर्क अवश्य करें।

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