बाराबंकी में तीन लाख 83 हजार परिवार आयुष्मान योजना से आच्छादित – डॉ. डीके
एक लाख आठ हजार से अधिक मरीजों को मिला 200 करोड़ ₹ का उपचार
कथनी_करनी न्यूज़
बाराबंकी। प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना से जिले के निर्धन परिवारों को मिल रहे लाभ की स्थिति का क्या हाल है। इस बारे में आयुष्मान कार्ड योजना के नोडल अधिकारी डीके श्रीवास्तव ने विस्तार से जानकारी दी।”आयुष्मान भारत योजना” जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है कि आयुष्मान शब्द का अर्थ है की लम्बी आयु को प्राप्त करना। सरकार की मंशा है कि भारत देश में रहन वाला कोई भी भारतीय नागरिक महंगा ईलाज कराने में असमर्थ है तो उपचार के अभाव में उसकी मौत ना होने पाए। इसके लिए शुरू की भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना का जिले में क्या हाल है। हमने आयुष्मान भारत योजना के जिला नोडल अधिकारी डीके श्रीवास्तव से जानकारी की। उन्होने ने विस्तार से अवगत कराते हुए बताया की जिले के तीन लाख 84 हजार 606 परिवार वर्तमान में इस योजना से आच्छादित है। जिनमें कुल एक लाख 74 हजार 591 लाभार्थियों को इस योजना से उपचार का लाभ मिल चुका है। तीन लाख 40 हजार 971 परिवार पंजीकृत है। योजना की शुरुआत के बाद से अभी तक एक लाख आठ हजार 330 कार्ड धारको के उपचार पर सरकार का 200 करोड़ रूपये वहन हो चुका है। नोडल अधिकारी ने बताया की मानक पूरे करने वाले स्वास्थ्य सेवा संस्थानो आयुष्मान अस्पताल का दर्जा प्रदान किया जाता है। मानक विहीन होने की दशा में उन्हें ब्लॉक कर दिया जाता है।
24 राजकीय और 27 निजी अस्पताल सूचीबद्ध
जिला मुख्यालय से लेकर जिले के दूरगामी क्षेत्रो में कुल 51 अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के लिए पंजीकृत है। जिसमें 24 राजकीय और 27 निजी अस्पताल नर्सिंग होम शामिल है। निजी अस्पतालो की सूची में हिन्द, मेंयो, आकांक्षा, पेंजिया, सिटी हॉस्पिटल, एमबी (अमरसंडा), सिटी सुपर स्पेसिलिटी, चरक बंसल पेट्रोल के सामने, दीप हॉस्पिटल हैदरगढ़, अमीकस औरंगाबाद, अनन्या हॉस्पिटल, शान्ति पॉली क्लिनिक, रेम्बो हॉस्पिटल, जैन नर्सिंग होम, गायत्री हॉस्पिटल, आस्था अस्पताल, बाराबंकी नेत्र चिकित्सालय, एनएलपीडी हॉस्पिटल आलापुर, देवेश अवशानेश्वर, शेयरवुड, श्री साईं हॉस्पिटल, कम्पनी बाग स्थित अनुपमा हॉस्पिटल शामिल है।
आयुष्मान भारत योजना से जुड़े मानक
निजी अस्पतालो को आयुष्मान भारत योजना में शामिल होने के लिए निम्नलिखित मानको को अमल में लाना होता है। जैसे तीन एमबीबीएस चकित्सक, चार स्टॉफ नर्स, ऑक्सीजन सप्लाई, फार्मेसी, एक्स-रे, पैथालॉजी, एम्बुलेंस सेवा, फायर सेफ्टी उपकरण, लॉन्ड्री, एयर कंडीशन व स्वच्छ औजार के साथ सभी फैकल्टी होनी चाहिए। साथ ही आयुष्मान कक्ष होना भी अनिवार्य है।